'अनुभूति' -भावों का प्रतिबिंब का जन्म भीतर की एक गहरी इच्छा से हुआ है - जीवन के उन क्षणों को साझा करने की, जो मेरे साथ गहराई से जुड़े रहे हैं । ये केवल घटनाएँ नहीं हैं,बल्कि वे भावनाएँ हैं,वे रिश्ते हैं तथा वे अंतर्दृष्टियाँ हैं, जिन्होंने मुझे आकार दिया है । इस पुस्तक में मैंने अनुभूतियों को शब्दों में पिरोने का प्रयास किया है,ये मानते हुए कि शायद ये किसी और के साथ प्रतिध्वनित होंगी ।